कोचिन शिपयार्ड: सरकार के स्वामित्व वाले शिपयार्ड में 5% हिस्सेदारी ₹1540 में बेची जाएगी
कोचिन शिपयार्ड का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 3.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ ₹1672 पर बंद हुआ। वर्तमान में, इसकी 72.86 प्रतिशत स्वामित्व सरकार के पास है।
वृद्धि
केंद्रीय सरकार कोचिन शिपयार्ड में 5% हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है। केंद्रीय सरकार कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) में 5% हिस्सेदारी को स्टॉक मार्केट के माध्यम से बेचना चाहती है, जिससे बाजार के अवसरों का लाभ उठाया जा सके और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन में सुधार किया जा सके। एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, बिक्री 16 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसमें प्रति शेयर न्यूनतम मूल्य ₹1,540 होगा। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव, तुहीन कांत पांडे ने खुलासा किया कि बिक्री का अवसर गैर-खुदरा निवेशकों के लिए कल खोला जाएगा। वहीं, खुदरा निवेशक और कोचिन शिपयार्ड के कर्मचारी गुरुवार, 17 अक्टूबर को अपनी बोलियां लगा सकते हैं।
इस रणनीतिक विनिवेश में, सरकार 2.5% शेयर बेचने की योजना बना रही है, जो लगभग 65.77 लाख शेयरों के बराबर है, यदि बाजार की स्थितियां अनुमति देती हैं तो अतिरिक्त 2.5% का विनिवेश करने का विकल्प भी है। इस हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार के खजाने में लगभग ₹2,000 करोड़ जुटाने की उम्मीद है, जिससे इसके वित्तीय संसाधनों को मजबूत किया जा सके। मंगलवार के पिछले कारोबारी दिन, कोचिन शिपयार्ड के शेयर ₹1,672 पर बंद हुए, जो सरकार की पेशकश मूल्य ₹1,540 के मुकाबले महत्वपूर्ण मूल्य दर्शाता है। इस मूल्य निर्धारण का मतलब वर्तमान बाजार मूल्य पर लगभग 8% की छूट है, जो संभावित रूप से अधिक निवेशकों को आकर्षित कर सकता है और एक उज्जवल बाजार भविष्य की दिशा में अग्रसर कर सकता है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर, कोचिन शिपयार्ड के शेयरों ने 3.03% की बढ़त दर्ज की, मंगलवार को ₹1,672 पर बंद हुए, जो सकारात्मक बाजार भावना को दर्शाता है। वर्तमान में, कोचिन शिपयार्ड में सरकार की हिस्सेदारी 72.86% है, जो कंपनी पर सरकार के महत्वपूर्ण नियंत्रण को रेखांकित करती है और इसकी स्थिरता सुनिश्चित करती है। यह रणनीतिक विनिवेश सरकार की व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक संपत्तियों का अनुकूलन करना, दक्षता में सुधार करना और बाजार की तरलता बढ़ाना है, जिससे अंततः निवेशकों और अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
सेंसेक्स की ओपनिंग बेल: शेयर बाजार में गिरावट के चलते सेंसेक्स 150 अंक से अधिक गिरा
प्रारंभिक ट्रेडिंग में बीएसई सेंसेक्स 240.75 अंक गिरकर 81,579.37 अंक पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 62.7 अंक गिरकर 24,994.65 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से, सबसे अधिक गिरावट अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की रही।
बाजार का अवलोकन
शेयर बाजार में बुधवार को प्रारंभिक ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण बिकवाली देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 240.75 अंक गिरकर 81,579.37 अंक पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 62.7 अंक गिरकर 24,994.65 अंक पर आ गया। सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रही।
विदेशी फंड के निरंतर बहिर्वाह और वैश्विक बाजारों में सुस्त प्रदर्शन ने घरेलू शेयर बाजार के सूचकांकों में सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट को बढ़ावा दिया। इसके विपरीत, कुछ शेयरों में बढ़त देखने को मिली, जिसमें एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और सन फार्मा शामिल हैं। “बाजार सतर्क बना रहा, और विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में ₹63,900 करोड़ की बिक्री की,” मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (अनुसंधान) प्राशांत तपासे ने बताया।
एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को ₹1,748.71 करोड़ की इक्विटी बेची। एशियाई बाजारों में, सियोल और टोक्यो में गिरावट देखी गई, जबकि शंघाई और हांगकांग ने सकारात्मक गति दिखाई। इसी बीच, अमेरिकी बाजार मंगलवार को बंद हुए, जो सतर्क भावना में योगदान कर रहे हैं।
कमोडिटी में, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.23% बढ़कर $74.42 प्रति बैरल हो गया। मंगलवार को, बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स 152.93 अंक या 0.19% गिरकर 81,820.12 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 70.60 अंक या 0.28% गिरकर 25,057.35 अंक पर बंद हुआ। वर्तमान बाजार प्रवृत्तियों से यह संकेत मिलता है कि यह एक उतार-चढ़ाव भरा समय है, जो निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता को दर्शाता है।